मानवता को कायम रखने के इस ऐतिहासिक संघर्ष में चार चांद लगाते हुए मुनींद्र धर्मार्थ ट्रस्ट दिन रात प्रयत्नशील है। समाज सुधार के इस उत्तम कार्य में अव्वल रहते हुए इस ट्रस्ट ने अपने आप को विशेष प्रशंसा का अधिकारी साबित किया है।
मुख्य बिंदु
- मुनींद्र धर्मार्थ ट्रस्ट द्वारा भारत में अनेकों स्थान पर नि:शुल्क रक्तदान और नि:शुल्क देहदान शिविर का आयोजन किया जा रहा है।
- मुनींद्र धर्मार्थ ट्रस्ट द्वारा गरीबों और जरूरतमंदों को खाने पीने की सभी सुविधाए उपलब्ध करवाई जा रही है।
- अनाथालय और वृद्धाश्रमों में नि:शुल्क भंडारे का आयोजन करवाया जा रहा है।
- लोगों को कोरोना का टीका लेने के लिए प्रेरित कर वैक्सीनेट करवाया जा रहा है।
- दहेज रूपी दानव को समाज से समाप्त करने के लिए दहेज रहित शादियां करवाई जा रही है।
इक्कीसवीं सदी का कड़वा सच
इक्कीसवीं सदी के इस आधुनिक युग में आज मानव संसाधन का विकास इस प्रकार हो गया है कि एक तरफ जनसाधारण का जीवन मशीनों व तकनीकों के चलते एक दम सरल हो गया है। वहीं दूसरी ओर इस घोर कलयुग में मानवता का ह्रास इतनी हद तक बढ़ गया है कि आज इंसान के अंदर इंसानियत खोज करने पर भी नही मिलती। वैश्विक मंदी और कोरोना महामारी की इस दोहरी मार से समाज में दरिद्रता इस प्रकार बढ़ी है कि सैकड़ों लोगों के पास आज खाने को अन्न नही, रहने को मकान नही, और कमाने को रोजगार नहीं। वर्तमान समय की कठिन परिस्थितियों को कुछ लोग कुदरत का कहर, तो कुछ देवताओं के रूष्ट हो जाने का प्रतिफल बताते है, वहीं कुछ विद्वान लोग इसे संत सताने की सजा बताते है। एक तरफ जहां इंसानों के हृदय से मानवता का पतन होता जा रहा है वहीं दूसरी ओर संसार में आज भी कुछ ऐसे लोग है जो ईश्वर के नाम पर संसार में मानवता को कायम करने का कार्य कर रहें है। हम बात कर रहे है एक ऐसी संस्था की जिसके सानिध्य में दिन रात समाज कल्याण व समाज सुधार के कार्य किए जाते है। इस संस्था का मूल उद्देश्य ही जन कल्याण और मानव का उद्धार करना है। मुनींद्र धर्मार्थ ट्रस्ट एक ऐसी संस्था है जिसके सानिध्य में पूरे भारत वर्ष में जगह जगह पर परोपकारी कार्य किए जा रहे है।
मानवता की नीव को मज़बूत कर रहा है मुनींद्र धर्मार्थ ट्रस्ट
मुनींद्र धर्माथ ट्रस्ट द्वारा कई जगह नि:शुल्क रक्तदान शिविर और नि:शुल्क देह दान शिविरों का आयोजन किया जाता है जिसमे सैकड़ों लोगों द्वारा मुफ्त में रक्तदान और देहदान किया जाता है। जिसके चलते सैकड़ों जरूरतमंदों को रक्त व किडनी, लीवर, हार्ट, आंखें, आदि शरीर के अंग बिना किसी मूल्य के प्राप्त हो रहे है। इसके अलावा इस ट्रस्ट द्वारा अनाथालयों और वृद्धाश्रमों आदि में नि:शुल्क भंडारे का आयोजन करवाया जाता है। साथ ही भूखों व जरूरतमंद लोगों को घर का राशन और खाना–पानी भी उपलब्ध करवाया जाता है। कोरोना काल में सरकार द्वारा चलाए जा रहे वैक्सीन अभियान में भी इस ट्रस्ट द्वारा लोगों को वैक्सीन लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
वैक्सीन का महत्व, उपयोगिता व लाभ–हानि आदि बताकर लोगों को वैक्सीन लेने के लिए मोटिवेट किया जा रहा है। जिसके चलते सैकड़ों लोग वैक्सीन भी ले रहे है। अभी हाल ही में मुनींद्र धर्मार्थ ट्रस्ट द्वारा 100 लोगों को प्रेरित कर उनके वैक्सीन लगवाने की व्यवस्था के नेक कार्य को करवाया गया था।
दहेज रूपी दानव का अब होगा विनाश
दहेज प्रथा और भात प्रथा जैसी सामाजिक कुरीति के चलते माता-पिता अपनी बेटी को एक बोझ समझते है। जिसके चलते कन्या भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक कुरीतियों ने जन्म लिया और सैकड़ों मासूम बच्चियों का इसका भुगतान करना पड़ा। आज भी कई माता-पिता दहेज के चलते अपना जीवन कर्ज में व्यतीत कर रहे है। कई मां बाप तो आत्महत्या तक कर लेते है। इसके चलते हर साल देश की सैकड़ों बेटियां भी आत्महत्या का शिकार हो जाती है। ऐसे में दहेज रूपी दानव को जड़मूल से समाप्त करने के लिए मुनींद्र धर्मार्थ ट्रस्ट द्वारा सैकड़ों दहेज रहित विवाह करवाए जा रहे है। इन विवाहों की खास बात यह है कि ये विवाह महज 17 मिनट में संपन्न हो जाते है। इन विवाहों को रमैणी विवाह भी कहा जाता है। बिना पंडित, मंडप, बारात और फेरों के साधारण तौर से किए जाने वाले इन विवाहों में किसी भी प्रकार के बाहरी आडंबर, पारंपरिक रस्में, फिजूल खर्ची, नाच–गान, डीजे बजाना, नशा करना आदि को नही किया जाता। यह विवाह समाज में एक मिसाल कायम कर दहेज रूपी दानव पर एक कड़ा प्रहार कर रहे है।
पूरे विश्व भर में मानवता को कैसे कायम किया जा सकता है?
मुनींद्र धर्मार्थ ट्रस्ट के पदचिन्हों पर चलकर और उनके द्वारा किए जा रहे परोपकारी कार्यो से प्रेरणा लेकर समाज में मानवता को कायम किया जा सकता है। समाज में व्याप्त सभी बुराइयों व कुरीतियों को समाप्त करने के लिए सभी को आध्यात्मिक झुकाव की आवश्यकता है। पूर्ण परमात्मा के संविधान के अनुसार चलते हुए सभी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ एक कड़ा प्रहार किया जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए पाठकों को चाहिए कि SA News Channel की खास पेशकश में हर रविवार को हमारा स्पेशल कार्यक्रम “खबरों की खबर का सच” देखें और विभिन्न सामाजिक मुद्दों से निपटने के लिए विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
